हाथों में एक गरमागरम चाय और मसालेदार पॉपकॉर्न हो और सामने पर्दे पर डॉन हो, तो समझ लिजिए चाय और पॉपकॉर्न के पैसे बर्बाद हो गए। लेकिन फ़िल्म के टिकट पर खर्च किए हर एक पैसे का हिसाब मिल जाता है। फ़रहान अख़्तर को ये पता है कि 70 एमएम पर जब तक ख़ान दिखेगा तब तक फ़िल्म चलती हुई लगेगी और अगर ख़ान लापता तो फ़िल्म भी लापता। शायद यही वजह है कि Don-2 में सिर्फ Don ही दिखता है और किसी अभिनेता के लिए कहानी में उतनी जगह ही नहीं दी गई। बोमनी इरानी मलेशिया की जेल में थोड़ी देर के लिए दिखते हैं फिर उन्हे फ़िल्म के सेकंड हाफ़ में ही थोड़ा वक़्त दिया जाता है। पहलेवाले डॉन में वरधान की जो क़ीमत थी वो डॉन 2 में मरती हुई दिखती है। डॉन की जंगली बिल्ली रोमा (प्रियंका चोपड़ा) को भी स्क्रीन पर रहने का मौक़ा तो कम मिलता ही है उसके लिए सिर्फ दो सीन ही अहम हैं एक बर्लिन की सड़कों पर कार से डॉन का पीछा करती इंटरपोल ऑफ़िसर नहीं तो फ़िल्म के क्लाइमेक्स में अच्छी फ़ाइट सीक्वेंस देनेवाली जंगली बिल्ली और हां हम गोलियों और बमों के बीच में डॉन और रोमा के प्यार को कैसे भूल सकते हैं। इसके अलावा नई एंट्री हुई हैकर समीर यानी कुनाल कपूर की। फ़िल्म के सेकंड हाफ में आए कुनाल के लिए भी डॉन जगह नहीं छोड़ता। लारा दत्ता और ओमपुरी सिर्फ चंद अल्फाज़ देने के लिए फिलर के तौर पर डॉन 2 का साथ देते हैं।
कहानी पुराने जासूसी नॉवेल सी है लेकिन नयापन लिए हुए और कहीं भी न ठहरनेवाली है। डॉन 2 की जान उसकी सिनेमैटोग्राफ़ी है। चाहे थाईलैंड के जंगल हों या मलेशिया की जेल, या फिर बर्लिन की सड़कें या हाई सिक्योरिटी से लैस बैंक, जैसन वेस्ट ने बतौर सिनेमैटोग्राफ़र उम्दा काम किया है। इसके बाद डॉनिज़्म का कमाल ही है जो फ़िल्म को इतनी शानदार ओपनिंग मिली है बावजूद इसके कि टॉम क्रूज़ की मिशन इम्पॉसिबल अभी भी सिनेमाघरों में है। भारी भरकम डायलॉग्स से अटी पड़ी डॉन 2 कहीं कहीं ओवरडोज़ भी लगती है लेकिन किंग ख़ान की इसी स्टाइल पर तो दुनिया मरती है। पहले हाफ़ में स्लो स्टार्ट के बाद फ़िल्म सेकंड हाफ़ में कमाल की स्पीड पकड़ती है हालांकि कुछ दृश्य ऐसे हैं जो जबरन फ़िल्म में ठूसे गए हैं जैसे समीर (कुनाल कपूर) की प्रेगनेंट गर्लफ्रेंड को दिखाना या ख़ान का ऋतिक के भेष में आकर एक पार्टी में प्रियंका के साथ डांस करना।
अब रही बात फ़िल्म के गीत-संगीत की तो शंकर एहसान लॉय के पास डॉन-2 में करने के लिए कुछ नहीं था क्योंकि इस फ़िल्म में गानों की कोई जगह नहीं थी, शायद ये बात डायरेक्टर फ़रहान को अच्छे से पता थी। लिहाज़ा उन्होने सिर्फ और सिर्फ ध्यान दिया डॉन पर जिसे अब सिर्फ 11 मुल्क़ों की पुलिस नहीं ढूंढ रही बल्कि पूरी दुनिया की पुलिस उसके पीछे पड़ी है। स्टाइलिश ख़ान की ये एक्शन थ्रिलर मूवी आनेवाले दो-तीन हफ़्तों तक बॉक्स ऑफ़िस पर राज करनेवाली है। प्रोड्यूसर फरहान ख़ान, रितेश सिधवानी, शाहरुख ख़ान और गौरी ख़ान ने सोच समझकर फ़िल्म के रिलीज़ की तारीख़ तय की है। 23 दिसम्बर को रिलीज़ हुई डॉन-2 ने छुट्टियों के मौसम में बॉक्स ऑफ़िस पर दस्तक दी है और इसके पास 15 जनवरी तक पूरे देश में कलेक्शन करने का अच्छा मौक़ा है।
4 Stars, Must Watch, Action-Thriller, Nice Crafted Story and Cinematography, Well Directed
it was a good post
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